यंत्रों का निर्माण अंको, बिंदुओं, शब्दों और मन्त्रों को आकृतियों ढालकर किया जाता है। यंत्रों में आकृतियों को विशेष नक्षत्रों में बनाया जाता है। इसके बाद यंत्र में लिखे गए शब्दों मंत्रो आदि को जाग्रत किया जाता है। इसी तरह के इन यंत्रों का प्रयोग भी नक्षत्रों को ध्यान में रखकर किया जाता है।
धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए श्रीयंत्र की पूजा बहुत प्रभावशाली मानी गई है। कहा जाता है कि श्रीयंत्र की पूजा करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है इसलिए लोग अपने घर में श्रीयंत्र की स्थापना करके पूजा और अराधना करते हैं। यदि विधि-विधान के साथ श्रीयंत्र की पूजा की जाती है वहां सदैव सुख-संपत्ति, सौभाग्य और ऐश्वर्य बना रहता है।
धन संबंधी सारी समस्याओं से निजात पाने के लिए आपको श्री महालक्ष्मी यंत्र को स्थापित करना चाहिए। यदि आप पर कर्ज है और आप उसे चुका नहीं पा रहे हैं तो आपको अपने कार्यस्थल पर इस यंत्र को प्रतिष्ठित करना चाहिए।धन के साथ -साथ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निजात पाने के लिए भी आप इस यंत्र को रोगी के कमरे में स्थापित कर सकते है। इससे मरीज के स्वास्थ्य में जल्द ही सुधार होने लगता हैं। इस यंत्र को स्थापित करने से यदि आपके व्यापार में घाटा हो रहा है तो खत्म होने के आसार हैं। श्री महालक्ष्मी यंत्र को प्रतिष्ठित करने से लक्ष्मी मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है और वह स्थाईरूप से निवास करने लगती हैं।
इस यंत्र की स्थापना से दरिद्रता का नाश होता है। धन में वृद्धि होने के साथ-साथ मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। वहीं जो लोग नया बिजनेस शुरू करना चाहते हैं उनके लिए भी ये यंत्र कल्याणकारी माना गया है। व्यापारियों के लिए भी यह यंत्र अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है। कुबेर यंत्र को गल्ले की तिजोरी या फिर अलमारी में रखा जाता है। इसकी स्थापना से धन को किसी की बुरी नजर नहीं लगती। इसके प्रभाव से धन सदैव संचित रहता है। ऐसी मान्यता है इस यंत्र को गल्ले पर स्थापित करने से व्यापार में वृद्धि होती है। भाग्योदय के लिए कुबेर यंत्र को घर या कार्यालय में स्थापित किया जा सकता है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार हमारे जीवन में नवग्रह का बहुत महत्व है, सीधे-सीधे हमारी राशियों पर प्रभाव डालते हैं। वहीं व्यक्ति के जीवन में घटित होने वाली अच्छी और बुरी घटनाएं भी ग्रहों की चाल पर निर्भर करती हैं। यदि आपके घर में बिना बात के कलह होने लगे, हर काम बनते-बनते बिगड़ने लगे, कोई शत्रु आपको परेशान करने लगे, आपकी सेहत ठीक नहीं रह रही हो, आपको समाज में मान-सम्मान नहीं मिल रहा हो और आप संतान से परेशान हो तो ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इसका मतलब होता है कि आप नवग्रह दोषों से ग्रसित हैं। आपके ग्रहों ने चाल बदली है और कोई न कोई ग्रह कमजोर है या खराब स्थिति में है। कुंडली में नवग्रहों के नौ देवता भी होते हैं। यदि आपकी कुंडली में कोई ग्रह कमजोर है तो आप उस ग्रह के स्वामी की पूजा करके शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि नवग्रहों में से प्रत्येक ग्रह के लिए एक विशेष यंत्र होता है लेकिन कुछ वैदिक ज्योतिषी नवग्रहो के एक संयुक्त यंत्र जिसे नवग्रह यंत्र कहा जाता है, उसके प्रयोग करने की सलाह देते हैं। धारणा यह है कि नवग्रह यंत्र की पूजा करने से जातक किसी भी प्रकार की समस्या से निजात पा सकता है
यदि लगातार मेहनत के बाद भी आपको व्यापार में हानि हो रही है और आपको सदैव अपनी दुकान में चोरी का डर सताता रहता है तो आपको व्यापार वृद्धि यंत्र को अपने व्यापास्थल पर स्थापित करना चाहिेए। इससे न केवल आपके व्यापार में वृद्धि होगी बल्कि व्यापार, नौकरी और रोजगार में आ रही अड़चने भी समाप्त हो सकती हैं। धन संबंधी समस्याओं से निजात पाने के लिए भी आप इस कारगर और चमत्कारी यंत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं। तंत्रशास्त्र के अनुसार इस यंत्र को धनदाता और सर्वसिद्धि दाता के नाम से जाना जाता है।