राशि स्वरूप- बैल जैसा, राशि स्वामी- शुक्र राशि चक्र की दूसरी राशि वृष है। इसका राशि स्वामी शुक्र है तथा यह दक्षिण दिशा की स्वामिनी है। यह राशि स्त्री जाति, श्वेत वर्ण, कान्तिहीन, वैश्य वर्ण, भूमि तत्व वाली, स्थिर संज्ञक, शिथिल शरीर, शुभकारक तथा महाशब्दकारी है। इसका स्वभाव थोड़ा स्वार्थी, सांसारिक कार्यों में दक्षता तथा बुद्धिमत्ता से काम लेने का है। इसे अर्द्धजलराशि भी कहा जाता है। इसके द्वारा मुंह और कपोलों का विचार किया जाता है। इस राशि का चिह्न बैल है। बैल अधिक पारिश्रमी और ताकतवर होता है। साधारणत: ये जीव शांत भी रहता है, लेकिन गुस्सा आने पर वह उग्र रूप धारण कर लेता है। इसी प्रकार का स्वभाव वृष राशि का भी होता है। वृष राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है। इसके अंतर्गत कृत्तिका नक्षत्र के तीन चरण, रोहिणी के चारों चरण और मृगशिरा के प्रथम दो चरण आते हैं
राशि स्वरूप- बैल जैसा, राशि स्वामी- शुक्र राशि चक्र की दूसरी राशि वृष है। इसका राशि स्वामी शुक्र है तथा यह दक्षिण दिशा की स्वामिनी है। यह राशि स्त्री जाति, श्वेत वर्ण, कान्तिहीन, वैश्य वर्ण, भूमि तत्व वाली, स्थिर संज्ञक, शिथिल शरीर, शुभकारक तथा महाशब्दकारी है। इसका स्वभाव थोड़ा स्वार्थी, सांसारिक कार्यों में दक्षता तथा बुद्धिमत्ता से काम लेने का है। इसे अर्द्धजलराशि भी कहा जाता है। इसके द्वारा मुंह और कपोलों का विचार किया जाता है। इस राशि का चिह्न बैल है। बैल अधिक पारिश्रमी और ताकतवर होता है। साधारणत: ये जीव शांत भी रहता है, लेकिन गुस्सा आने पर वह उग्र रूप धारण कर लेता है। इसी प्रकार का स्वभाव वृष राशि का भी होता है। वृष राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है। इसके अंतर्गत कृत्तिका नक्षत्र के तीन चरण, रोहिणी के चारों चरण और मृगशिरा के प्रथम दो चरण आते हैं