राशि स्वरूप- तराजू जैसा, राशि स्वामी- शुक्र राशि चक्र की सातवीं तुला राशि है । इसका राशि स्वामी शुक्र है। यह पश्चिम दिशा की स्वामिनी है। यह राशि पुरुष जाति, श्याम वर्ण, चर संज्ञक, शूद्र वर्ण, वायु तत्व वाली, दिनबलि, क्रूर स्वभाव, शीर्षोदयी, अल्प सन्ततिवान तथा जल राशि है। इसका स्वभाव ज्ञान-प्रिय, राजनीतिज्ञ, विचारशील एवं कार्य सम्पादक है। इसके द्वारा नाभि से नीचे के अंगों का विचार किया जाता है। तुला राशि का चिह्न तराजू है और यह राशि पश्चिम दिशा की प्रतीक है, यह वायुतत्व की राशि है। शुक्र राशि का स्वामी है। कुछ राशि वालों को कफ की समस्या होती है। इस राशि के कुछ पुरुष सुंदर, आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं। आंखों में चमक व चेहरे पर प्रसन्नता झलकती है। इनका स्वभाव सम होता है।
राशि स्वरूप- तराजू जैसा, राशि स्वामी- शुक्र राशि चक्र की सातवीं तुला राशि है । इसका राशि स्वामी शुक्र है। यह पश्चिम दिशा की स्वामिनी है। यह राशि पुरुष जाति, श्याम वर्ण, चर संज्ञक, शूद्र वर्ण, वायु तत्व वाली, दिनबलि, क्रूर स्वभाव, शीर्षोदयी, अल्प सन्ततिवान तथा जल राशि है। इसका स्वभाव ज्ञान-प्रिय, राजनीतिज्ञ, विचारशील एवं कार्य सम्पादक है। इसके द्वारा नाभि से नीचे के अंगों का विचार किया जाता है। तुला राशि का चिह्न तराजू है और यह राशि पश्चिम दिशा की प्रतीक है, यह वायुतत्व की राशि है। शुक्र राशि का स्वामी है। कुछ राशि वालों को कफ की समस्या होती है। इस राशि के कुछ पुरुष सुंदर, आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं। आंखों में चमक व चेहरे पर प्रसन्नता झलकती है। इनका स्वभाव सम होता है।