राशि स्वरूप- शेर जैसा, राशि स्वामी- सूर्य ये राशि चक्र की पांचवीं राशि है। इसका राशि स्वामी सूर्य है। यह पूर्व दिशा की स्वामिनी है। यह राशि पुरुष जाति, क्षत्रिय वर्ण, पित्त प्रकृति, अग्नि तत्व वाली, ऊष्ण स्वभाव, पुष्ट शरीर, यात्राप्रिय, अल्प सन्तानविद् तथा निर्जल है। इसका स्वभाव मेष राशि के समान है, परंतु इसमें उदारता एवं स्वातन्त्र्यप्रियता अधिक पाई जाती है। इसके द्वारा हृदय का विचार किया जाता है। इसका चिह्न शेर है। राशि का स्वामी सूर्य है और इस राशि का तत्व अग्नि है।इसके अन्तर्गत मघा नक्षत्र के चारों चरण, पूर्वा फाल्गुनी के चारों चरण और उत्तराफाल्गुनी का पहला चरण आता है। केतु-शुक्र की युति कुंडली में हो तो व्यक्ति सजावट और सुन्दरता के प्रति आकर्षण को बढ़ाता है। व्यक्ति का सुन्दरता के प्रति मोह होता है। व्यक्ति में अपने प्रति स्वतंत्रता की भावना रहती है और कभी कभी किसी की बात नहीं मानता।
राशि स्वरूप- शेर जैसा, राशि स्वामी- सूर्य ये राशि चक्र की पांचवीं राशि है। इसका राशि स्वामी सूर्य है। यह पूर्व दिशा की स्वामिनी है। यह राशि पुरुष जाति, क्षत्रिय वर्ण, पित्त प्रकृति, अग्नि तत्व वाली, ऊष्ण स्वभाव, पुष्ट शरीर, यात्राप्रिय, अल्प सन्तानविद् तथा निर्जल है। इसका स्वभाव मेष राशि के समान है, परंतु इसमें उदारता एवं स्वातन्त्र्यप्रियता अधिक पाई जाती है। इसके द्वारा हृदय का विचार किया जाता है। इसका चिह्न शेर है। राशि का स्वामी सूर्य है और इस राशि का तत्व अग्नि है।इसके अन्तर्गत मघा नक्षत्र के चारों चरण, पूर्वा फाल्गुनी के चारों चरण और उत्तराफाल्गुनी का पहला चरण आता है। केतु-शुक्र की युति कुंडली में हो तो व्यक्ति सजावट और सुन्दरता के प्रति आकर्षण को बढ़ाता है। व्यक्ति का सुन्दरता के प्रति मोह होता है। व्यक्ति में अपने प्रति स्वतंत्रता की भावना रहती है और कभी कभी किसी की बात नहीं मानता।