राशि स्वरूप- स्त्री-पुरुष आलिंगनबद्ध, राशि स्वामी- बुध राशि चक्र की तीसरी राशि मिथुन है। इसका राशि स्वामी बुध है। यह पश्चिम दिशा की स्वामिनी है। यह राशि पुरुष जाति, हरित वर्ण, चिकनी, वायु तत्व , ऊष्ण, महाशब्दकारी, मध्यम संतति वाली, शिथिल तथा विषमोदयी है। इसका स्वभाव शिल्पी तथा विद्याध्ययनी है। इसके द्वारा शरीर के कंधों तथा बाजुओं का विचार किया जाता है । राशि का प्रतीक युवा दम्पति है, यह द्वि-स्वभाव वाली राशि है। मृगशिरा नक्षत्र के तीसरे चरण के स्वामी मंगल-शुक्र हैं। मंगल शक्ति और शुक्र माया का प्रतीक है। शुक्र के कारण ये लोग जीवनसाथी के लिए हमेशा शक्ति बने रहते हैं, कभी-कभी घरेलू कारणों से आपस में तनाव उत्पन्न हो सकता है।
राशि स्वरूप- स्त्री-पुरुष आलिंगनबद्ध, राशि स्वामी- बुध राशि चक्र की तीसरी राशि मिथुन है। इसका राशि स्वामी बुध है। यह पश्चिम दिशा की स्वामिनी है। यह राशि पुरुष जाति, हरित वर्ण, चिकनी, वायु तत्व , ऊष्ण, महाशब्दकारी, मध्यम संतति वाली, शिथिल तथा विषमोदयी है। इसका स्वभाव शिल्पी तथा विद्याध्ययनी है। इसके द्वारा शरीर के कंधों तथा बाजुओं का विचार किया जाता है । राशि का प्रतीक युवा दम्पति है, यह द्वि-स्वभाव वाली राशि है। मृगशिरा नक्षत्र के तीसरे चरण के स्वामी मंगल-शुक्र हैं। मंगल शक्ति और शुक्र माया का प्रतीक है। शुक्र के कारण ये लोग जीवनसाथी के लिए हमेशा शक्ति बने रहते हैं, कभी-कभी घरेलू कारणों से आपस में तनाव उत्पन्न हो सकता है।