मेष

राशि स्वरूप: मेंढा जैसा,राशि स्वामी- मंगल इसका राशि स्वामी मंगल है तथा यह राशि पूर्व दिशा की स्वामिनी है। यह राशि पुरुष-जाति, लाल-पीले वर्ग, वर्ण कांतिहीन, क्षत्रिय वर्ण, अग्नि तत्व वाली, चर संज्ञक समान अंगों वाली, अल्प सन्ततिवान तथा पित्त प्रकृति कारक है। इसका स्वभाव गर्म , साहसी तथा मित्रों के प्रति दयालुता का है। इसके द्वारा मस्तक का विचार किया जाता है । राशि चक्र की सबसे पहली राशि मेष है। यह राशि चर (चलित) स्वभाव की होती है। राशि का चिह्न मेढ़ा संघर्ष का प्रतीक है।मेष राशि वाले आकर्षक होते हैं। इनका स्वभाव कुछ रूखा हो सकता है। दिखने में सुंदर होते हैं। यह लोग किसी के दबाव में काम करना पसंद नहीं करते। इनका चरित्र साफ-सुथरा एवं आदर्शवादी होता है।

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राशि स्वरूप: मेंढा जैसा,राशि स्वामी- मंगल इसका राशि स्वामी मंगल है तथा यह राशि पूर्व दिशा की स्वामिनी है। यह राशि पुरुष-जाति, लाल-पीले वर्ग, वर्ण कांतिहीन, क्षत्रिय वर्ण, अग्नि तत्व वाली, चर संज्ञक समान अंगों वाली, अल्प सन्ततिवान तथा पित्त प्रकृति कारक है। इसका स्वभाव गर्म , साहसी तथा मित्रों के प्रति दयालुता का है। इसके द्वारा मस्तक का विचार किया जाता है । राशि चक्र की सबसे पहली राशि मेष है। यह राशि चर (चलित) स्वभाव की होती है। राशि का चिह्न मेढ़ा संघर्ष का प्रतीक है।मेष राशि वाले आकर्षक होते हैं। इनका स्वभाव कुछ रूखा हो सकता है। दिखने में सुंदर होते हैं। यह लोग किसी के दबाव में काम करना पसंद नहीं करते। इनका चरित्र साफ-सुथरा एवं आदर्शवादी होता है।

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