जीवन में कभी-कभी हम उन परिस्थितियों से डरते हैं और विशिष्ट दिशा-निर्देशों, समाधानों को ढूंढने के लिए उत्सुक हैं, भ्रम से घिरे, क्या करें? कैसे करें? कहाँ करना है? क्यूं करें? इत्यादि। पं. कमलेश व्यास जी स्पष्ट उद्देश्य जनता के दिमाग से गलत धारणाओं को दूर करना और सभी को ज्ञात ज्योतिष की सच्ची प्रकृति और परिमाण को बनाने के लिए है जो कि केवल अपने आप में एक संपूर्ण विज्ञान नहीं है बल्कि सबसे ज्यादा शामिल एक है। ज्योतिष केवल विद्या है जिसके माध्यम से आप अपनी रहस्यमय समस्याओं का उत्तर प्राप्त कर सकते हैं। पं. कमलेश व्यास जी शहर के उन प्रमुख अनुष्ठान करताओ में से एक है जिनकी ख्याति पुरे देश में नगर का नाम गोराविंत कर रहे है । पं. कमलेश व्यास जी दारा समय -समय पर धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किये जाते है। एसे एक नहीं कई जातक है, जीन्हे पं. कमलेश व्यास जी के मार्गदशन से लाभ मिला है तथा मनचाहे फल की प्राप्ति हुई है। उल्लेखनीय है की शपं. कमलेश व्यास जी 15 वर्षो से धार्मिक कर्मकाण्ड एवं ज्योतिष कार्य करवा रहे है। जीवन की हर समस्या पर धार्मिक कर्मकांड के माध्यम से लाभ प्राप्त किया जा सकता है। यह प्रमाणित तथा शास्त्रोभ्क्त भी है, पंडित श्री श्याम व्यास द्वारा सभी प्रकार के दोषों जेसे – कालसर्प , नागनारायण बली कर्म, नवग्रह शांति, मांगलिक कार्य आदि सम्पन्न किये जाते है ! पंडित जी कुम्भ विवाह , अर्क विवाह , चांडाल दोष ,ग्रहण दोष, केंद्रोम दोष, पितृ दोष, श्रापित दोष, मंगल दोष, जन्म कुंडली अध्ययन एवं पत्रिका मिलान में भी सिद्धस्त है इन समस्त कार्यो के साथ साथ पंडित जी वास्तु दोष निवारण, गृह प्रवेश विवाह व्यापार व्यवसाय बाधा निवारण का पूजन भी सम्पूर्ण विधि विधान से करते है !
जीवन में कभी-कभी हम उन परिस्थितियों से डरते हैं और विशिष्ट दिशा-निर्देशों, समाधानों को ढूंढने के लिए उत्सुक हैं, भ्रम से घिरे, क्या करें? कैसे करें? कहाँ करना है? क्यूं करें? इत्यादि। पंडित कमलेश व्यास जी स्पष्ट उद्देश्य जनता के दिमाग से गलत धारणाओं को दूर करना और सभी को ज्ञात ज्योतिष की सच्ची प्रकृति और परिमाण को बनाने के लिए है जो कि केवल अपने आप में एक संपूर्ण विज्ञान नहीं है बल्कि सबसे ज्यादा शामिल एक है। ज्योतिष केवल विद्या है जिसके माध्यम से आप अपनी रहस्यमय समस्याओं का उत्तर प्राप्त कर सकते हैं
रत्न शास्त्र में रत्नों का महत्व बताया गया है. प्रत्येक रत्न किसी विशेष ग्रह से संबंध रखते हैं. माणिक्य रत्न को सूर्य से संबंधित माना गया है. माणिक्य को अंग्रेजी में रूबी भी कहते हैं. माणिक्य लाल रंग का काफी चमकीला और सबसे खूबसूरत रत्न होता है. ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, माणिक्य रत्न को धारण करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इससे जीवन में अपार सफलता मिलती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है.
हीरा अपनी चमक और सुंदरता के लिए विश्व का सबसे विख्यात रत्न/Gemstone है। इसकी चमक दूर तक अपनी किरणें बिखेरने वाली होती है। हीरा एक अनमोल रत्न है एवं ज्योतिष शास्त्र में इसका विशेष रूप से उल्लेख मिलता है। हीरा एक अत्यंत कठोर रत्न माना गया है इसकी कठोरता और सुंदरता दोनों का ही कोई जवाब नहीं है। हीरा रत्न सौभाग्य में वृद्धि करता है, वैभव एवं ऐश्वर्य प्रदान करने में यह अत्यंत सहायक होता है। इस रत्न को शुक्र ग्रह का रत्न कहा गया है जिसके कारण हीरा सभी प्रकार की विलासिता को प्रदान करने वाला होता है।
ज्योतिषीय गुणों की बात करें तो पन्ना बुध का रत्न माना जाता है. बुध ग्रह की पीड़ा को शांत करने के लिए इस रत्न को धारण करने की सलाह दी जाती है. अगल कुंडली में बुध ग्रह कमजोर हो तो यह रत्न उसे मजबूती प्रदान करता है. साथ ही बुध की महादशा और अंतर्दशा से छुटकारा पाने के लिए भी इस रत्न को धारण किया जाता है. इसके अलावा अगर कुंडली में मंगल, शनि और राहु-केतु के साथ हो या शत्रु ग्रहों की दृष्टि हो तो पन्ना जरूर धारण करना चाहिए.
नीलम धारण करने से व्यक्ति की कार्यशैली में निखार आता है। साथ ही उसके सोचने की क्षमता का विकास होता है। वहीं शनि की दृष्टि एवं साढ़ेसाती से नीलम हमें बचाता है, साथ ही जिन पर शनि की साढ़ेसाती अथवा शनि की ढैय्या का प्रभाव हो उन्हें नीलम धारण करने से लाभ मिलता है। रत्न शास्त्र अनुसार नीलम व्यक्ति को तुंरत असर दिखाता है